“वर्षाग्यंग्रन्थम् (प्राचीन वृष्टि विचार)” डॉ. श्रीकृष्ण “जुगनु” का एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है जो वर्षा या वर्षा के विज्ञान पर विचार करता है। यह ग्रंथ प्राचीन काल की विभिन्न संस्कृति और विज्ञानिक परंपराओं के साथ जुड़े हुए है और वर्षा के विषय में विशेष ज्ञान और अध्ययन को उजागर करता है।
डॉ. श्रीकृष्ण “जुगनु” ने इस विषय पर एक गहरा और विश्वसनीय अध्ययन किया है जो वर्षा और मौसम परंपराओं को समझने और उनका महत्व बोध करने में मदद करता है। उनका काम हिंदी में वर्षा और वृष्टि के विज्ञान पर विशेष ध्यान देता है और प्राचीन भारतीय ज्ञान पर भी जोर देता है।
यह ग्रंथ विभिन्न आधुनिक और प्राचीन प्रेरणाओं का अद्वितीय मिश्रण प्रस्तुत करता है और वर्षा के विषय में अच्छी तरह से शिक्षा देता है।






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