कालिदास का ‘उत्तरकालामृतम्’ भारतीय साहित्य का एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है। इस ग्रंथ में कालिदास ने उत्तर भारत के जनसंख्या, समाज, और संस्कृति के विविध पहलुओं को विस्तार से वर्णित किया है। इस ग्रंथ में विभिन्न कालों के राजाओं की चर्चा भी की गई है, जिन्होंने भारतीय इतिहास को प्रभावित किया।
रामचंद्र पाण्डेय ने ‘उत्तरकालामृतम्’ का हिंदी में अनुवाद किया है और उसमें विविध सामाजिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विषयों को समाहित किया है। उनका अनुवाद गहराई से समझाने के लिए साधारण जनता को भी इस महत्वपूर्ण ग्रंथ के विचारों और आदर्शों के प्रति जागरूक करता है। रामचंद्र पाण्डेय का यह अनुवाद कालिदास की महानता को हिंदी भाषा में पहुंचाने का महत्वपूर्ण कदम है।
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