शिवसंकल्प सूक्त – श्री महेशानंद गिरिजी
“शिवसंकल्प सूक्त” श्री महेशानंद गिरिजी द्वारा रचित एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक ग्रंथ है, जो शिवसंकल्प सूक्त के गूढ़ अर्थों और रहस्यों पर प्रकाश डालता है। यह सूक्त विशेष रूप से शिव की संकल्पशक्ति और उसके आध्यात्मिक महत्व को समझने में सहायक है।
इस ग्रंथ में श्री महेशानंद गिरिजी ने शिवसंकल्प सूक्त के श्लोकों की विस्तृत व्याख्या की है, जिसमें शिव की संकल्पशक्ति, उसकी दिव्यता, और उसके संपूर्ण ब्रह्मांड पर प्रभाव का विश्लेषण किया गया है। यह सूक्त शिव की महिमा, उसकी शक्ति, और उसके द्वारा किए गए संकल्पों की प्रासंगिकता को दर्शाता है, और इसे समझने के लिए श्री गिरिजी ने सरल और सटीक भाषा का उपयोग किया है।
पुस्तक की मुख्य विशेषताएँ:
- शिवसंकल्प सूक्त का अर्थ: श्री महेशानंद गिरिजी ने सूक्त के प्रत्येक श्लोक का गहन विश्लेषण किया है, जिससे पाठक शिव की संकल्पशक्ति और उसके आध्यात्मिक महत्व को आसानी से समझ सकें।
- आध्यात्मिक मार्गदर्शन: इस ग्रंथ में शिवसंकल्प सूक्त के माध्यम से साधकों को आध्यात्मिक मार्गदर्शन प्राप्त होता है, जो उनके ध्यान और साधना में सहायक होता है।
- सादगी और स्पष्टता: श्री गिरिजी ने जटिल आध्यात्मिक विषयों को सरल और स्पष्ट रूप में प्रस्तुत किया है, जिससे यह ग्रंथ सभी स्तरों के पाठकों के लिए उपयोगी बनता है।






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