पञ्चदशी (4 खंडों का सेट) – श्री महेशानंद गिरिजी
“पञ्चदशी” श्री महेशानंद गिरिजी द्वारा रचित एक प्रमुख दार्शनिक ग्रंथ है, जो अद्वैत वेदांत के गूढ़ सिद्धांतों पर आधारित है। यह ग्रंथ विद्यारण्य स्वामी द्वारा रचित मूल “पञ्चदशी” की विस्तृत और सरल व्याख्या प्रस्तुत करता है, जो आत्मा, ब्रह्म, और जगत के गूढ़ रहस्यों को स्पष्ट करती है।
पुस्तक में कुल 15 अध्याय (पंचदशा) हैं, जो तीन खंडों में विभाजित हैं:
- विवेक खंड – इसमें आत्मा और अनात्मा के भेद को समझाया गया है और जीव, ब्रह्म, और माया के संबंधों का विश्लेषण किया गया है।
- दीप खंड – यह आत्मा के प्रकाश स्वरूप और उसकी प्रकृति को समझाता है।
- आनंद खंड – इसमें आत्मा की आनंदमयी स्वरूप की व्याख्या की गई है, और मोक्ष के मार्ग पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
श्री महेशानंद गिरिजी ने इन खंडों की सरल और सटीक व्याख्या की है, जिससे साधक और विद्वान दोनों ही इस गूढ़ विषय को समझ सकते हैं। पुस्तक में शास्त्रीय तर्क और उपनिषदों के उद्धरणों के साथ विषय को गहराई से प्रस्तुत किया गया है, जिससे पाठक वेदांत दर्शन की जटिलताओं को आसानी से समझ सकें।
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