गुरुग्यान दिवाकर शास्त्री द्वारा लिखित एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है, जो गुरु और उनके ज्ञान के महत्व पर केंद्रित है। यह पुस्तक विशेष रूप से गुरु-शिष्य परंपरा, गुरु की भूमिका, और धार्मिक और आध्यात्मिक ज्ञान की प्राप्ति के तरीकों पर ध्यान देती है।
गुरुग्यान में निम्नलिखित प्रमुख बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित किया गया है:
- गुरु का महत्व: पुस्तक में गुरु की भूमिका और उनके महत्व को विस्तृत रूप से समझाया गया है। इसमें गुरु की आध्यात्मिक और धार्मिक भूमिका, और उनके ज्ञान का प्रभाव पर चर्चा की गई है।
- गुरु-शिष्य परंपरा: गुरुग्यान में गुरु-शिष्य परंपरा की गहराई से व्याख्या की गई है। इसमें शिष्य के लिए गुरु की शिक्षा के महत्व और उसके आध्यात्मिक उन्नति के तरीके पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
- ज्ञान की प्राप्ति: पुस्तक में ज्ञान प्राप्ति के तरीकों और गुरु के मार्गदर्शन के तहत आध्यात्मिक और धार्मिक ज्ञान को प्राप्त करने की विधियों पर चर्चा की गई है।






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