बृहद वास्तुमाला ब्रह्मानंद त्रिपाठी द्वारा लिखित एक महत्वपूर्ण और समृद्ध ग्रंथ है, जो वास्तु शास्त्र के व्यापक और गहन अध्ययन के लिए एक प्रमुख संदर्भ है। यह पुस्तक विशेष रूप से भवन निर्माण और उसके विभिन्न पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करती है, जिसमें वास्तु शास्त्र के सिद्धांत और उनके व्यावहारिक अनुप्रयोग शामिल हैं।
बृहद वास्तुमाला में निम्नलिखित प्रमुख बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित किया गया है:
- वास्तु शास्त्र के सिद्धांत: पुस्तक में वास्तु शास्त्र के मूल सिद्धांतों की विस्तृत व्याख्या की गई है। इसमें भवन निर्माण के लिए दिशा, स्थान, और आंतरिक सजावट के नियमों की जानकारी दी गई है।
- भवन निर्माण के लिए नियम और विधियाँ: भवन के निर्माण में सही दिशा और स्थान का चयन करने, कमरे की व्यवस्था, और वास्तु के अनुसार अनुकूल निर्माण विधियों पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
- वास्तु दोष और उनका समाधान: विभिन्न प्रकार के वास्तु दोषों की पहचान और उन्हें ठीक करने के उपायों का वर्णन किया गया है। इसमें दोषों के प्रभाव और उनके निवारण के लिए सुझाव शामिल हैं।
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