बृहत संहिता (Set Of 2 Vols.) आच्युतानंद झा द्वारा लिखित एक प्रमुख ज्योतिष ग्रंथ है, जो भारतीय ज्योतिष शास्त्र के एक अत्यंत महत्वपूर्ण और विस्तृत संग्रह के रूप में प्रस्तुत किया गया है। इस पुस्तक का उद्देश्य ज्योतिष के विभिन्न पहलुओं को गहराई से समझाना और उसकी सम्पूर्णता को उजागर करना है।
बृहत संहिता का यह सेट दो वॉल्यूम्स में विभाजित है और इसमें प्राचीन भारतीय ज्योतिष के सभी महत्वपूर्ण सिद्धांत, विधियाँ, और उपयोगी जानकारी शामिल है। आच्युतानंद झा ने इस ग्रंथ में ज्योतिष के प्राचीन ज्ञान को आधुनिक संदर्भ में प्रस्तुत किया है, जिसमें ग्रहों, राशियों, योगों, और नक्षत्रों की स्थिति और उनके प्रभावों की विस्तार से व्याख्या की गई है।
पुस्तक में निम्नलिखित प्रमुख बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित किया गया है:
- ग्रहों और राशियों की स्थिति: ग्रहों और राशियों के विभिन्न योगों और उनकी स्थिति का विश्लेषण।
- कुंडली विश्लेषण: कुंडली के विभिन्न भावों और उनके प्रभावों की गहन चर्चा।
- भविष्यवाणी के सिद्धांत: भविष्यवाणी करने के तरीकों और उनके आधार पर दिए गए दृष्टांत।
- प्राचीन ग्रंथों से तुलनात्मक अध्ययन: प्राचीन ज्योतिष ग्रंथों के सिद्धांतों और उनके आधुनिक अनुप्रयोगों की तुलना।
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