औपनिषद योग के आलोक में पातंजल योग
(लेखक: डॉ. उपमा राय)
औपनिषद योग के आलोक में पातंजल योग पुस्तक डॉ. उपमा राय द्वारा रचित एक गहन अध्ययन है, जिसमें औपनिषदिक दर्शन और पातंजल योगसूत्र के बीच के संबंधों को विस्तार से समझाया गया है। यह पुस्तक योग के दो महत्वपूर्ण स्रोतों—उपनिषद और पातंजल योगसूत्र—को एकीकृत दृष्टिकोण से प्रस्तुत करती है।
डॉ. उपमा राय इस पुस्तक में बताती हैं कि कैसे योग के प्राचीन ज्ञान को औपनिषदों में प्रस्तुत किया गया है और पातंजल योगसूत्र में इसे एक व्यवस्थित रूप में विस्तार दिया गया है। पुस्तक में औपनिषदों के विभिन्न सिद्धांतों और शिक्षाओं को पातंजल योग के आठ अंगों (यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान, और समाधि) के संदर्भ में समझाया गया है।
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