श्री विष्णुपुराण (Sri Vishnu Purana) हिन्दू धर्म का एक प्रमुख पुराण है, जो भगवान विष्णु के विभिन्न स्वरूपों, उनके अवतारों, और उनकी लीलाओं पर केंद्रित है। यह ग्रंथ भगवान विष्णु के जीवन, उनकी उपासना, और उनके भक्तों की कहानियों का विस्तृत वर्णन करता है।
श्री विष्णुपुराण का विवरण:
- ग्रंथ की संरचना: श्री विष्णुपुराण को छह पुस्तक (अध्याय) में विभाजित किया गया है:
- प्रथम पुस्तक: सृष्टि की उत्पत्ति, ब्रह्मा और विष्णु की भूमिका, और पृथ्वी के निर्माण की कथा।
- द्वितीय पुस्तक: राजा प्राचीन और अन्य महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाएँ, और विष्णु के विभिन्न अवतारों की कहानी।
- तृतीय पुस्तक: भगवान विष्णु के दशावतार (दस प्रमुख अवतार) का विवरण, जैसे राम और कृष्ण।
- चतुर्थ पुस्तक: विष्णु के भक्तों की कहानियाँ, उनके परिश्रम, और धार्मिक उपदेश।
- पंचम पुस्तक: धर्म और आचार-व्यवहार पर चर्चा, धार्मिक अनुष्ठानों और पूजा विधियों का विवरण।
- षष्ठ पुस्तक: सृष्टि के अंत और भगवान विष्णु के पुनर्निर्माण की कथा।
- भगवान विष्णु की महिमा: विष्णुपुराण में भगवान विष्णु को सृष्टि के पालनकर्ता, रक्षक, और त्रिदेवों में एक महत्वपूर्ण देवता के रूप में प्रस्तुत किया गया है। उनकी शक्ति और दिव्यता का विस्तृत वर्णन है।
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