वराह पुराण हिंदू धर्म के प्रमुख पुराणों में से एक है, जो विशेष रूप से विष्णु भगवान के दसांश वटुर (वाराह) अवतार पर केंद्रित है। इस पुराण में ब्रह्मांड की सृष्टि, पुनर्सृष्टि, लोकों के विवरण, धर्म, कर्म, मोक्ष और भक्ति के विषय में व्याख्यान किया गया है। वराह पुराण में विष्णु के विभिन्न अवतारों का वर्णन, उनके लीलाएँ, महात्म्य और उपासना की महत्वपूर्ण बातें सम्मिलित हैं। इसके अलावा, इस पुराण में समुद्र मंथन, अमृत मथन, नरसिंह और वामन अवतार के कथाएँ भी हैं।
वराह पुराण धार्मिक, दार्शनिक और साहित्यिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है और इसे भारतीय साहित्य के एक महत्वपूर्ण ग्रंथ के रूप में माना जाता है।
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