श्रीगर्ग-संहिता (Srigarg-Samghita) एक धार्मिक ग्रंथ है जो मुख्य रूप से भारतीय धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं से संबंधित है। यह ग्रंथ मुख्य रूप से एक विशिष्ट ग्रंथ है जो हिंदू धर्म, विशेषकर व्रज भूमि और कृष्ण भक्ति से जुड़ी पद्धतियों, अनुष्ठानों, और धार्मिक विधियों पर ध्यान केंद्रित करता है।
श्रीगर्ग-संहिता का विवरण:
- ग्रंथ का उद्देश्य: श्रीगर्ग-संहिता का मुख्य उद्देश्य भक्तों को भगवान कृष्ण की भक्ति, उनके विभिन्न स्वरूपों की पूजा विधियाँ, और व्रज क्षेत्र के धार्मिक अनुष्ठानों के बारे में जानकारी प्रदान करना है।
- गर्ग मुनि की उपदेश: इस ग्रंथ में गर्ग मुनि द्वारा दिए गए उपदेश और उनके धार्मिक दृष्टिकोण का विवरण होता है। गर्ग मुनि कृष्ण के प्रमुख ऋषि-मुनियों में से एक थे और उनके उपदेश भक्तों को धार्मिक जीवन और भक्ति के मार्ग पर मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।
- कृष्ण भक्ति और पूजा विधियाँ: श्रीगर्ग-संहिता में भगवान कृष्ण की पूजा विधियाँ, भक्ति के विभिन्न तरीके, और अनुष्ठानों का वर्णन है। इसमें कृष्ण के विभिन्न स्वरूपों की पूजा, मंत्रों का उपयोग, और धार्मिक अनुष्ठानों के बारे में जानकारी दी जाती है।
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