सिद्धान्ततत्वविवेक (Siddhanta Tattva Viveka) सुधाकर द्विवेदी द्वारा लिखित एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है जो भारतीय दार्शनिकता और तत्त्वज्ञान के गहन अध्ययन पर आधारित है। यह पुस्तक दार्शनिक सिद्धांतों की मौलिकता और उनके विभिन्न पहलुओं की विवेचना करती है।
पुस्तक की विशेषताएँ:
- तत्त्वज्ञान का विश्लेषण: पुस्तक में भारतीय दार्शनिक तत्त्वज्ञान की गहराई से समीक्षा की गई है। इसमें मुख्य रूप से उन सिद्धांतों पर ध्यान केंद्रित किया गया है जो भारतीय दार्शनिक प्रणालियों की नींव को समझने में सहायक हैं।
- सिद्धांतों की विवेचना: सुधाकर द्विवेदी ने विभिन्न दार्शनिक सिद्धांतों की आलोचनात्मक समीक्षा की है, जिससे पाठक को उनके मूलभूत तत्त्व और उनके व्यावहारिक महत्व को समझने में सहायता मिलती है।
- ऐतिहासिक और संदर्भात्मक दृष्टिकोण: पुस्तक में ऐतिहासिक संदर्भों और दार्शनिक ग्रंथों के उद्धरण शामिल हैं, जो दार्शनिक सिद्धांतों की जड़ें और उनकी विकास यात्रा को स्पष्ट करते हैं।
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