श्रीसूक्त-विधानम्
लेखक: मधुसूदन प्रसाद शुक्ल
श्रीसूक्त-विधानम् एक महत्वपूर्ण वैदिक ग्रंथ है, जो विशेष रूप से श्रीसूक्त और उसकी पूजा-विधियों पर केंद्रित है। मधुसूदन प्रसाद शुक्ल द्वारा रचित इस पुस्तक में श्रीसूक्त के मंत्रों, उनकी महत्ता, और विधिवत पूजा करने की प्रक्रिया का विस्तार से वर्णन किया गया है। यह पुस्तक उन भक्तों के लिए अत्यंत उपयोगी है जो माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए श्रीसूक्त का पाठ और पूजा करना चाहते हैं।
मुख्य विषयवस्तु:
- श्रीसूक्त की महत्ता: इस ग्रंथ में श्रीसूक्त के वैदिक महत्व और उसके धार्मिक एवं आध्यात्मिक प्रभाव का वर्णन किया गया है। श्रीसूक्त माता लक्ष्मी की स्तुति का प्रमुख मंत्र है, जिसे वैदिक काल से ही धन, समृद्धि, और सुख-शांति की प्राप्ति के लिए उच्चारित किया जाता रहा है।
- श्रीसूक्त का पाठ: पुस्तक में श्रीसूक्त के 16 श्लोकों का संकलन और उनका सही उच्चारण करने की विधि दी गई है। हर श्लोक के अर्थ और उसके प्रभाव को भी विस्तार से समझाया गया है, जिससे साधक को पाठ करने का सही तरीका और उसके लाभ समझ में आते हैं।
- पूजा विधि: श्रीसूक्त-विधानम् में श्रीसूक्त का पाठ करते समय पूजन विधि का विस्तृत वर्णन है। इसमें पूजा सामग्री, आसन, दीप, नैवेद्य, और पुष्पार्चन के साथ-साथ श्रीसूक्त पाठ के दौरान मंत्रों का उच्चारण और आह्वान की विधि बताई गई है।
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