श्री शक्ति गीता (योगशास्त्रांतर्गतम्) डॉ. अनुपमा द्वारा लिखित एक महत्वपूर्ण पुस्तक है, जो भारतीय योग और शक्ति साधना के विषय में गहन विवेचन करती है। यह ग्रंथ विशेष रूप से उन लोगों के लिए है जो योग और तंत्र के गूढ़ रहस्यों को समझने की जिज्ञासा रखते हैं।
पुस्तक में शक्ति साधना, योग की विभिन्न विधियों और साधक के लिए उपयोगी दिशा-निर्देशों का संकलन है। इसमें योग और तंत्र की परंपराओं के विभिन्न आयामों को विस्तृत रूप से वर्णित किया गया है, जैसे कि कुंडलिनी शक्ति, चक्र साधना, और विभिन्न योग आसनों के महत्व को भी रेखांकित किया गया है।
डॉ. अनुपमा ने इस ग्रंथ में अपने ज्ञान और अनुभव के आधार पर योगशास्त्र के अंतर्गत शक्ति साधना के महत्वपूर्ण पहलुओं को सरल और स्पष्ट भाषा में प्रस्तुत किया है, ताकि साधक इसे आत्मसात कर सके और अपने आध्यात्मिक विकास में इसे सहायक बना सके।
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