श्रीशिवमहापुराणम् (Shiv Maha Puranam), ब्रह्मानंद त्रिपाठी द्वारा रचित, भगवान शिव की महिमा, उनकी लीलाओं, और उनके द्वारा स्थापित धार्मिक और आध्यात्मिक सिद्धांतों का विस्तृत वर्णन करने वाला एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है। यह पुराण शिव भक्तों के लिए अत्यंत पवित्र और पूजनीय माना जाता है, क्योंकि इसमें भगवान शिव के जीवन, उनके विभिन्न रूपों, और उनके द्वारा सिखाए गए धर्म के मार्ग का विस्तार से वर्णन किया गया है।
पुस्तक के मुख्य विषय:
- भगवान शिव की उत्पत्ति और महिमा: इस पुराण में भगवान शिव की उत्पत्ति, उनके विभिन्न रूपों, और उनके द्वारा की गई लीलाओं का वर्णन किया गया है। शिव महापुराण में बताया गया है कि शिव ही सृष्टि के आदिदेव और संहारक हैं।
- शिवलिंग की पूजा: शिवलिंग की महिमा और उसकी पूजा के विभिन्न विधियों का विस्तार से वर्णन इस पुराण में किया गया है। शिवलिंग को भगवान शिव के निराकार रूप का प्रतीक माना गया है और उसकी पूजा से भक्तों को अनंत फल की प्राप्ति होती है।
- शिव की लीलाएं और कथाएं: इसमें शिव जी की विभिन्न लीलाओं और कथाओं का वर्णन है, जैसे सती का त्याग, पार्वती से विवाह, त्रिपुरासुर का वध, और अंधकासुर का नाश। इन कथाओं के माध्यम से शिव जी की महिमा और उनकी शक्ति को दर्शाया गया है।






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