सौन्दर्यलहरी (सौन्दर्य लहरी) सुधाकर मालवीय द्वारा रचित एक महत्त्वपूर्ण ग्रंथ है, जो आदि शंकराचार्य द्वारा रचित मूल सौन्दर्यलहरी पर आधारित है। यह पुस्तक तंत्र और भक्ति का अद्वितीय संगम है, जिसमें देवी पार्वती के सौंदर्य, शक्ति और महिमा का गहन वर्णन किया गया है।
सुधाकर मालवीय ने इस पुस्तक में सौन्दर्यलहरी के श्लोकों का सरल और स्पष्ट व्याख्या के साथ विवरण प्रस्तुत किया है। प्रत्येक श्लोक का अर्थ, तात्पर्य, और उसके आध्यात्मिक और तांत्रिक महत्व को विस्तार से समझाया गया है। इसमें सौन्दर्यलहरी के विभिन्न पहलुओं जैसे कि देवी के रूप, उनकी शक्तियों, और साधकों के लिए उनकी कृपा प्राप्त करने के उपायों पर चर्चा की गई है।
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