ठीक है, यहाँ सांख्य दर्शन और अद्वैत वेदान्त के बारे में हिंदी में संक्षेप में विवरण दिया गया है:
- सांख्य दर्शन:
- सांख्य दर्शन एक प्राचीन भारतीय दर्शन है जो प्रकृति और पुरुष के बीच विवेक को स्थापित करता है। इस दर्शन में प्रकृति को निर्दिष्ट करने का प्रयास किया जाता है, जो सत्त्व, रजस, और तमस के गुणों से युक्त है। पुरुष को अप्रकृति और निर्गुण बताया जाता है, जो स्वाभाविक रूप से शुद्ध और अनन्त होता है।
- अद्वैत वेदान्त:
- अद्वैत वेदान्त वेदों के अनुसार ब्रह्मांड और आत्मा के अद्वितीयता को प्रतिपादित करता है। इस दर्शन में ब्रह्म को सच्चिदानन्द रूप में परम तत्त्व माना जाता है, जो सर्वव्यापी, निराकार, और निर्गुण है। इसके अनुसार, आत्मा और ब्रह्म एक हैं, और संसार में द्वैत का अनुभव मिथ्या है।
ये दोनों दर्शन प्राचीन भारतीय दर्शनशास्त्र में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं और व्यक्तिगत समाज और व्यक्ति के मार्गदर्शन में मदद करते हैं। इनके बारे में और विस्तृत जानकारी चाहिए तो बताएं, मैं आपकी सहायता करने में स्वागत करूंगा।
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