“पतंजलि योगसूत्र” डॉ. शम्भु दयाल द्वारा लिखित और महेश गुरु दत्त द्वारा संपादित एक महत्वपूर्ण योग ग्रंथ है, जो पातञ्जलि के योग सूत्रों के गहन अध्ययन और व्याख्या पर आधारित है। यह पुस्तक पातञ्जलि के योग दर्शन को समझने और अभ्यास में लाने के लिए एक सुसंगत और व्यवस्थित मार्गदर्शिका प्रस्तुत करती है।
पुस्तक का विवरण:
“पतंजलि योगसूत्र” पातञ्जलि के योग सूत्रों का विस्तार से अनुवाद और व्याख्या करती है, जिसमें योग के सिद्धांत, दर्शन, और प्रथाओं को सरल और स्पष्ट भाषा में प्रस्तुत किया गया है। डॉ. शम्भु दयाल ने इस ग्रंथ में योग सूत्रों की गहराई को समझाने के लिए एक व्यवस्थित दृष्टिकोण अपनाया है।
मुख्य विशेषताएँ:
- योग सूत्रों की व्याख्या: पुस्तक में पातञ्जलि के योग सूत्रों का बोधगम्य और सटीक अनुवाद और व्याख्या की गई है। डॉ. शम्भु दयाल ने सूत्रों के गहरे अर्थ को स्पष्ट करने के लिए सरल और सटीक भाषा का उपयोग किया है, जिससे पाठकों को योग के दर्शन को समझने में आसानी होती है।
- आठ अंगों का वर्णन: “पतंजलि योगसूत्र” में पातञ्जलि के अष्टांग योग (योग के आठ अंग) का विस्तृत वर्णन किया गया है, जिसमें यम (नीतियाँ), नियम (अनुशासन), आसन (मुद्राएँ), प्राणायाम (श्वास-प्रश्वास नियंत्रण), प्रत्याहार (संवेदनाओं का निरोध), धारणा (ध्यान की एकाग्रता), ध्यान (मेडिटेशन), और समाधि (आध्यात्मिक विलय) शामिल हैं। ये अंग योग साधना के विभिन्न पहलुओं को समझने और अभ्यास में लाने के लिए आवश्यक हैं।






Geeta press
Reviews
Clear filtersThere are no reviews yet.