पातञ्जलयोगदर्शनम्” डॉ. सुरेश चंद्र श्रीवास्तव द्वारा लिखित एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है, जो पातञ्जलि के योग सूत्रों के गहन अध्ययन और विश्लेषण पर आधारित है। यह पुस्तक पातञ्जलि के योग दर्शन को समझने के लिए एक सुसंगत और व्यापक मार्गदर्शिका प्रस्तुत करती है।
पुस्तक का विवरण:
“पातञ्जलयोगदर्शनम्” पातञ्जलि के योग सूत्रों के गहन अध्ययन का एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है, जिसमें योग के दर्शन, सिद्धांत, और प्रथाओं की विस्तृत व्याख्या की गई है। डॉ. सुरेश चंद्र श्रीवास्तव ने इस ग्रंथ में पातञ्जलि के योग सूत्रों को सरल और स्पष्ट भाषा में प्रस्तुत किया है, जिससे पाठक योग के गूढ़ रहस्यों को समझ सकें।
मुख्य विशेषताएँ:
- योग सूत्रों की व्याख्या: पुस्तक में पातञ्जलि के योग सूत्रों का विस्तार से अनुवाद और व्याख्या की गई है। डॉ. श्रीवास्तव ने सूत्रों के गहरे अर्थ को स्पष्ट करने के लिए एक सहज और व्यवस्थित दृष्टिकोण अपनाया है, जिससे पाठकों को योग दर्शन की जटिलताओं को समझने में आसानी होती है।
- योग के आठ अंग: पुस्तक में पातञ्जलि के अष्टांग योग (योग के आठ अंग) का विस्तृत वर्णन किया गया है, जिसमें यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान, और समाधि शामिल हैं। ये अंग योग साधना के विभिन्न पहलुओं को समझने और अभ्यास में लाने के लिए आवश्यक हैं।
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