“मार्क्सवाद और रामराज्य” एक विशेष टॉपिक है जो भारतीय राजनीति और समाजशास्त्र में विभिन्न दृष्टिकोणों पर चर्चा करता है। इसे समझने के लिए, हम इसे दो हिस्सों में विभाजित कर सकते हैं:
- मार्क्सवाद: यह विचारधारा कार्ल मार्क्स द्वारा विकसित की गई थी, जो मुख्यतः वर्ग संघर्ष, पूंजीवाद और साम्यवाद पर आधारित है। मार्क्सवाद का मानना है कि समाज में असमानताएँ और वर्ग संघर्ष पूंजीवादी प्रणाली की प्रकृति से उत्पन्न होती हैं, और इसे बदलने के लिए एक साम्यवादी समाज की आवश्यकता है जहाँ संसाधनों का समान वितरण हो।
- रामराज्य: यह भारतीय संस्कृति और धर्म में एक आदर्श शासकीय व्यवस्था का विचार है, जिसे भगवान राम के शासनकाल से जोड़ा जाता है। रामराज्य का आदर्श न्याय, सत्य, धर्म और सुसंगठित समाज है। इसे आमतौर पर एक आदर्श शासन प्रणाली के रूप में देखा जाता है जिसमें शासन नैतिकता और धर्म के आधार पर होता है।
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