“कुण्डलिनी महायोग” (Kundalini Mahayog) by रामचंद्र पुरी (Ramchandra Puri) एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है जो योग और ध्यान के गहरे रहस्यों को उजागर करता है। यह पुस्तक विशेष रूप से कुण्डलिनी योग पर केंद्रित है, जो तंत्र और योग के एक महत्वपूर्ण पहलू के रूप में माना जाता है।
पुस्तक का विवरण:
प्रस्तावना: पुस्तक की प्रस्तावना में लेखक ने कुण्डलिनी महायोग की महत्ता और इसके उद्देश्यों के बारे में जानकारी दी है। यह ग्रंथ योग साधना के उच्चतम स्तर की समझ प्रदान करता है और पाठकों को आत्म-साक्षात्कार की ओर ले जाने का मार्ग दिखाता है।
मुख्य विषय:
- कुण्डलिनी योग का परिचय:
- कुण्डलिनी शक्ति की परिभाषा और उसकी महत्ता।
- कुण्डलिनी योग की आधारभूत विधियाँ और सिद्धांत।
- शरीर के ऊर्जा केंद्र:
- शरीर में स्थित चक्रों और नाड़ियों का विवरण।
- इन ऊर्जा केंद्रों के माध्यम से कुण्डलिनी शक्ति का उदय।






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