ज्योतिनिर्बन्धादर्श (ज्योतिनिर्बन्धादर्श:) शत्रुघ्न त्रिपाठी द्वारा लिखित एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है, जो ज्योतिष और खगोल शास्त्र पर केंद्रित है। इस पुस्तक में, लेखक ने प्राचीन भारतीय खगोल शास्त्र और ज्योतिष के सिद्धांतों का विस्तारपूर्वक वर्णन किया है।
पुस्तक के मुख्य बिंदु:
- प्राचीन ग्रंथों का विश्लेषण: इस ग्रंथ में वैदिक और पुराणिक साहित्य में वर्णित खगोल शास्त्र और ज्योतिष के विभिन्न सिद्धांतों का अध्ययन और उनका विश्लेषण प्रस्तुत किया गया है।
- सिद्धांत और प्रायोगिक पक्ष: पुस्तक में ज्योतिष के सिद्धांतात्मक और प्रायोगिक दोनों पक्षों का समावेश किया गया है। इसमें ग्रहों की चाल, राशियों का विवरण, नक्षत्रों और यंत्रों का महत्व आदि पर विस्तृत जानकारी दी गई है।
- वैज्ञानिक दृष्टिकोण: शत्रुघ्न त्रिपाठी ने इस पुस्तक में प्राचीन ज्ञान को आधुनिक वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी जोड़ा है, जिससे यह पुस्तक न केवल पारंपरिक विद्वानों बल्कि आधुनिक पाठकों के लिए भी उपयोगी बन जाती है।
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