जातकतत्त्वम्” हरि शंकर पाठक द्वारा लिखित एक महत्वपूर्ण ज्योतिषीय ग्रंथ है, जो भारतीय ज्योतिष की गहराई और सटीकता को समझने में सहायक है। इस पुस्तक में जातक विज्ञान के तत्त्वों और उनके व्यावहारिक उपयोग पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
पुस्तक की मुख्य विशेषताएँ:
- जातक के तत्त्व: इस पुस्तक में जातक (जन्मकुण्डली) के विभिन्न तत्त्वों जैसे ग्रहों की स्थिति, राशि, नक्षत्र, और उनके प्रभावों की विस्तृत व्याख्या की गई है। लेखक ने इन तत्त्वों के महत्व और उनके जीवन पर पड़ने वाले प्रभावों को स्पष्ट किया है।
- ज्योतिषीय सिद्धांतों की चर्चा: पुस्तक में प्राचीन और आधुनिक ज्योतिषीय सिद्धांतों का विवेचन किया गया है। इसमें ज्योतिष के सिद्धांतों के साथ-साथ उनकी व्याख्या और प्रयोग की विधियाँ भी शामिल हैं।
- प्रयोगात्मक दृष्टिकोण: पाठक को ज्योतिष के वास्तविक उपयोग और उसकी व्यावहारिकता को समझने में मदद करने के लिए कई उदाहरण और केस स्टडीज़ प्रदान की गई हैं।
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