जैमिनीसूत्रम् (लेखक: सीताराम झा) एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है जो वेदांत दर्शन के एक प्रमुख आचार्य, महर्षि जैमिनि, द्वारा रचित सूत्रों पर आधारित है। इस पुस्तक में जैमिनि द्वारा प्रतिपादित कर्मकांड के सिद्धांतों और उनके गहन अध्ययन का विवेचन किया गया है।
यह ग्रंथ मुख्य रूप से कर्ममीमांसा दर्शन पर केंद्रित है, जिसमें यज्ञों और वैदिक कर्मकांडों के महत्व और उनकी आवश्यकता को विस्तार से समझाया गया है। पुस्तक में जैमिनि के मूल सूत्रों का सरल और स्पष्ट व्याख्या दी गई है, जिससे पाठक वेदांत के इस विशेष पक्ष को गहराई से समझ सकते हैं।
सीताराम झा द्वारा रचित इस पुस्तक में शास्त्रार्थ की शैली में सूत्रों का विश्लेषण किया गया है, जो कि शास्त्रीय अध्ययन के लिए उपयुक्त है। यह ग्रंथ उन विद्वानों और छात्रों के लिए उपयोगी है जो वैदिक साहित्य और भारतीय दर्शन के अध्ययन में रुचि रखते हैं।
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