“घेरंडसंहिता में षट्कर्म, योगाभ्यास एवं योग” पुस्तक, कविता भट्ट द्वारा लिखी गई है, जो घेरंडसंहिता के महत्वपूर्ण पहलुओं का विश्लेषण और व्याख्या करती है। यह पुस्तक हठयोग के प्राचीन ग्रंथ घेरंडसंहिता में वर्णित षट्कर्म, योगाभ्यास, और योग की विधियों पर केंद्रित है, जो शरीर और मन की शुद्धि के लिए आवश्यक हैं।
पुस्तक का विवरण:
यह पुस्तक घेरंडसंहिता के भीतर निहित योग के उन पहलुओं को उजागर करती है, जो शरीर की शुद्धि, मानसिक स्थिरता, और आध्यात्मिक उन्नति के लिए महत्वपूर्ण हैं। कविता भट्ट ने इस पुस्तक में प्राचीन योगिक विधियों को आधुनिक संदर्भ में समझने और अभ्यास करने का मार्गदर्शन प्रदान किया है।
मुख्य विशेषताएँ:
- षट्कर्म (शुद्धिकरण विधियाँ): पुस्तक में षट्कर्मों का विस्तार से वर्णन किया गया है, जो शरीर और मन को शुद्ध करने के लिए आवश्यक माने जाते हैं। इनमें नेति, धौति, बस्ती, नौलि, कपालभाति, और त्राटक जैसी क्रियाएँ शामिल हैं।
- योगाभ्यास: पुस्तक योगाभ्यास की विभिन्न विधियों, जैसे आसन, प्राणायाम, और मुद्राओं के बारे में विस्तृत जानकारी देती है। इन अभ्यासों के माध्यम से शरीर को स्वस्थ और मजबूत बनाने के साथ-साथ मानसिक शांति प्राप्त करने का मार्ग दिखाया गया है।
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