पुस्तक विवरण:
अष्टांग समग्रह आयुर्वेद के महत्वपूर्ण ग्रंथों में से एक है, जिसे प्राचीन आयुर्वेदाचार्य वागभट्ट ने लिखा है। इस ग्रंथ के निदानस्थान (अथवा निदानस्थान) खंड में रोग निदान के सिद्धांतों और विधियों का विस्तृत वर्णन किया गया है। डॉ. अतृदेव गुप्ता द्वारा संपादित और व्याख्यायित यह संस्करण रोग निदान के क्षेत्र में एक अमूल्य संसाधन है।
पुस्तक के प्रमुख अंश:
- रोग निदान के सिद्धांत: निदानस्थान में रोगों की पहचान, उनके लक्षण, और उनके निदान के तरीकों पर प्रकाश डाला गया है। डॉ. गुप्ता ने इन सिद्धांतों को स्पष्ट रूप से प्रस्तुत किया है, जिससे रोगों का सही निदान करना संभव हो सके।
- आयुर्वेदिक दृष्टिकोण: इस खंड में आयुर्वेद के दृष्टिकोण से रोगों के कारण और उनका उपचार कैसे किया जाए, इस पर विस्तृत चर्चा की गई है।
- संपूर्ण विश्लेषण: डॉ. गुप्ता ने विभिन्न संस्कृत श्लोकों की अर्थव्याख्या और विस्तार से विश्लेषण किया है, जिससे पाठकों को सिद्धांतों की गहरी समझ प्राप्त होती है।
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