अनुवाद चंद्रिका (नवीन)” डॉ. रमाकांत त्रिपाठी द्वारा रचित एक महत्वपूर्ण पुस्तक है, जो संस्कृत से हिंदी में अनुवाद की कला और तकनीकों पर विस्तृत जानकारी प्रदान करती है। यह पुस्तक विशेष रूप से उन छात्रों और विद्वानों के लिए उपयोगी है जो शास्त्रीय संस्कृत साहित्य का हिंदी में अनुवाद करना चाहते हैं।
इस ग्रंथ में, डॉ. त्रिपाठी ने विभिन्न भाषाई और सांस्कृतिक पहलुओं को ध्यान में रखते हुए अनुवाद के तरीकों को विस्तार से समझाया है। पुस्तक में अनुवाद के दौरान आने वाली जटिलताओं और चुनौतियों पर चर्चा की गई है, और उदाहरणों के माध्यम से उनका समाधान प्रस्तुत किया गया है। यह न केवल एक शैक्षणिक संसाधन है बल्कि एक मार्गदर्शिका भी है जो अनुवादक को शास्त्रीय संस्कृत ग्रंथों के अर्थ और भाव को सही ढंग से हिंदी में प्रस्तुत करने में मदद करती है।
डॉ. रमाकांत त्रिपाठी एक प्रतिष्ठित संस्कृत विद्वान हैं, और उनका यह कार्य संस्कृत व्याकरण और अनुवाद अध्ययन के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण योगदान माना जाता है। यह पुस्तक चौखंबा संस्कृत सीरीज ऑफिस द्वारा प्रकाशित की गई है और शैक्षणिक क्षेत्रों में व्यापक रूप से संदर्भ के रूप में उपयोग की जाती है।






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