“वास्तु उद्धारधोरणी सूत्रधार गोविन्द” एक प्रमुख ग्रंथ है जो वास्तु शास्त्र के तत्वों और सिद्धांतों को समझाता है। यह ग्रंथ भारतीय स्थापत्यकला के विभिन्न पहलुओं पर विचार करता है, जैसे कि भूमिकरण, निर्माण, और वास्तुकला का सांस्कृतिक और वैज्ञानिक महत्व। इसमें विभिन्न वास्तु उपायों और सुझावों का वर्णन भी होता है जो आपके घर या कार्यालय की ऊर्जा को संतुलित करने में मदद कर सकते हैं। इस ग्रंथ का अध्ययन करने से व्यक्ति अपने आसपास के वातावरण को बेहतर बनाने के लिए वास्तुकला के मूल सिद्धांतों को समझता है।
By Sutradhara Govinda. Ed. with Hindi commentary & notes by Srikrishna Juganu.
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