गुडार्थदीपिका, श्री जगन्नाथ शर्मा (पंडित धनपति) द्वारा रचित एक महत्वपूर्ण ग्रन्थ है जो वेदान्त शास्त्र के अध्ययन और समझ को सुगम बनाने का प्रयास करता है। यह पुस्तक वेदान्त के महत्वपूर्ण ग्रन्थों को समझने में मदद करती है, जैसे कि उपनिषद, ब्रह्मसूत्र, भगवद्गीता, और अन्य ग्रन्थ।
श्री जगन्नाथ शर्मा ने इस पुस्तक में वेदान्त के विभिन्न विषयों को विस्तार से वर्णित किया है, जैसे कि ब्रह्म, आत्मा, माया, कर्म, और मोक्ष। उन्होंने वेदान्त के तत्त्वों को सरल और स्पष्ट भाषा में प्रस्तुत किया है, जिससे छात्रों को उन्हें समझने में सहायता मिले।
गुडार्थदीपिका एक प्रमुख स्रोत है जो वेदान्त के आध्यात्मिक और दार्शनिक सिद्धांतों को गहराई से अध्ययन करने वाले छात्रों के लिए उपयोगी है। इस पुस्तक का अध्ययन वेदान्त दर्शन के प्रत्येक आस्थान को समझने में मदद कर सकता है और आत्मा के स्वरूप को समझने में मार्गदर्शन प्रदान कर सकता है।
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