तत्त्व चिंतामणि एक प्रमुख तत्त्वज्ञान ग्रंथ है, जिसे आदिशंकराचार्य द्वारा लिखा गया माना जाता है। यह ग्रंथ वेदांत दर्शन के विभिन्न पहलुओं को स्पष्ट और संगठित ढंग से प्रस्तुत करता है और भारतीय तत्त्वज्ञान में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
तत्त्व चिंतामणि की मुख्य विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:
- वेदांत दर्शन: यह ग्रंथ वेदांत के तत्त्वों को गहराई से समझने के लिए लिखा गया है। इसमें ब्रह्म, आत्मा, और सृष्टि के सच्चे स्वरूप पर विचार किया गया है।
- आदिशंकराचार्य का योगदान: इस ग्रंथ को आदिशंकराचार्य की शिक्षाओं और उनके दर्शन के अनुसार लिखा गया है। इसमें उनके अद्वैत वेदांत के सिद्धांतों को प्रमुख रूप से प्रस्तुत किया गया है।
- तत्त्व ज्ञान: ग्रंथ में तत्त्व ज्ञान को बारीकी से समझाया गया है। इसमें दार्शनिक तत्त्वों, जैसे कि ब्रह्म (अद्वितीय सत्य), आत्मा (स्वयं), और माया (भ्रम) के संबंध में विवरण दिया गया है।
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