योगिनी तन्त्र (योगिनी तन्त्र) पं. हरिहर प्रसाद त्रिपाठी द्वारा रचित एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है, जो तांत्रिक साधना और योगिनी उपासना के गूढ़ रहस्यों पर आधारित है। इस पुस्तक में तंत्र के विभिन्न सिद्धांतों और प्रथाओं का विस्तृत विवरण दिया गया है, जिसमें विशेष रूप से योगिनियों की साधना, उनकी महत्ता, और उनसे जुड़े हुए रहस्यों का वर्णन किया गया है।
पं. हरिहर प्रसाद त्रिपाठी ने इस ग्रंथ में तांत्रिक परंपराओं को सरल और सुलभ भाषा में प्रस्तुत किया है, जिससे यह विषय साधकों और विद्वानों के लिए अधिक सुलभ हो सके। इस ग्रंथ में योगिनियों के विभिन्न स्वरूपों, उनकी साधना विधियों, और उनसे प्राप्त होने वाले लाभों का विस्तार से वर्णन किया गया है।
योगिनी तन्त्र में तांत्रिक अनुष्ठानों, मंत्रों, और साधना पद्धतियों को भी विस्तार से समझाया गया है, जिससे साधक इन रहस्यमयी और शक्तिशाली विधाओं का अध्ययन और अभ्यास कर सकें। यह पुस्तक तांत्रिक साधना में रुचि रखने वाले लोगों के लिए एक मार्गदर्शक के रूप में कार्य करती है, जिसमें तंत्र के गहरे और रहस्यमयी पहलुओं का गहन अध्ययन किया गया है।
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