वीरमित्रोदय (पं. विष्णु प्रसाद शर्मा) एक विस्तृत ग्रंथ है, जो धर्मशास्त्र और स्मृतियों पर आधारित एक उत्कृष्ट टीका और विवेचना प्रस्तुत करता है। यह ग्रंथ 11 खंडों में विभाजित है और धर्म, न्याय, कर्तव्य, और सामाजिक नियमों की व्याख्या करता है।
पुस्तक का विवरण:
- धर्मशास्त्र पर आधारित: वीरमित्रोदय धर्मशास्त्रों और स्मृतियों पर एक विस्तृत टिप्पणी है, जो हिंदू धर्म के धार्मिक और सामाजिक नियमों का गहन अध्ययन प्रस्तुत करती है। इसमें मनुस्मृति, याज्ञवल्क्यस्मृति, और अन्य स्मृतियों की विस्तृत व्याख्या की गई है।
- स्मृतियों की टीका: पं. विष्णु प्रसाद शर्मा ने विभिन्न स्मृतियों और ग्रंथों पर टीका लिखकर उनके सिद्धांतों की व्याख्या की है। इसमें धर्म, न्याय, समाज और व्यवहार से संबंधित विभिन्न पहलुओं का वर्णन किया गया है।
- कानूनी और सामाजिक नियम: ग्रंथ में धार्मिक और कानूनी नियमों, जैसे विवाह, उत्तराधिकार, दंड, और नैतिकता के सिद्धांतों की चर्चा की गई है। इसमें तत्कालीन समाज के नियमों और परंपराओं को विस्तार से समझाया गया है।
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