“विज्ञानभैरवः” (Vijnan Bhairava) बापूलाल अंजना द्वारा रचित एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है, जो कश्मीर शैव दर्शन के प्रमुख ग्रंथों में से एक है। इस पुस्तक में भगवान शिव द्वारा देवी पार्वती को दिए गए 112 ध्यान विधियों का वर्णन किया गया है, जो साधक को आत्मज्ञान और मोक्ष की ओर ले जाती हैं।
पुस्तक की विशेषताएँ:
- विज्ञानभैरव तंत्र का विवेचन: इस ग्रंथ में विज्ञानभैरव तंत्र के मूल सिद्धांतों और ध्यान विधियों का विस्तृत विवेचन किया गया है। विज्ञानभैरव तंत्र कश्मीर शैव दर्शन का एक प्रमुख ग्रंथ है, जो साधकों को ध्यान की गहन विधियों के माध्यम से आत्मसाक्षात्कार का मार्ग दिखाता है।
- ध्यान की 112 विधियाँ: पुस्तक में 112 ध्यान विधियों का विस्तार से वर्णन किया गया है, जिन्हें भगवान शिव ने देवी पार्वती को बताया था। ये विधियाँ साधकों के मानसिक, शारीरिक, और आत्मिक विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
- आध्यात्मिक दृष्टिकोण: बापूलाल अंजना ने विज्ञानभैरव के श्लोकों का सरल भाषा में अर्थ समझाया है, जिससे साधक इन ध्यान विधियों को आसानी से समझ सकें और अपने जीवन में लागू कर सकें। यह पुस्तक साधकों को ध्यान की गहराई और उसके आध्यात्मिक लाभों को समझने में मदद करती है।
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