Searched 4 sites
“वास्तुरत्नाकर” एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है जो वास्तुशास्त्र के सिद्धांतों और नियमों पर आधारित है। इस ग्रंथ को पंडित विन्ध्येश्वरी प्रसाद द्विवेदी द्वारा लिखा गया है और इसमें अहिबल चक्र का समावेश भी किया गया है। यह ग्रंथ हिंदी भाषा में उपलब्ध है और चौखम्बा प्रकाशन द्वारा प्रकाशित किया गया है।
इस पुस्तक में कुल 225 पृष्ठ हैं और यह तेरहवें संस्करण में उपलब्ध है। “वास्तुरत्नाकर” में वास्तु से संबंधित विभिन्न नियमों, उपायों और सुझावों को विस्तार से समझाया गया है, जिससे पाठक अपने घर, कार्यालय या किसी भी अन्य स्थान का निर्माण और साज-सज्जा वास्तु के अनुसार कर सकते हैं【6†source】【7†source】।






Geeta press
Reviews
Clear filtersThere are no reviews yet.