तन्त्रराजतन्त्रम्” (भाग 1-2)
लेखक: श्री कपिलदेव नारायण
विवरण:
“तन्त्रराजतन्त्रम्” श्री कपिलदेव नारायण द्वारा लिखा गया एक महत्वपूर्ण तांत्रिक ग्रंथ है, जो तंत्र शास्त्र के रहस्यों और विधियों पर आधारित है। यह पुस्तक तंत्र के उच्चतम स्तर की साधनाओं और सिद्धांतों की विस्तृत व्याख्या करती है।
पहला भाग: इस भाग में तंत्रराज तंत्र के मूल सिद्धांतों, अनुष्ठानों, और मंत्रों का वर्णन किया गया है। इसमें तंत्र की विधियों, साधना की प्रक्रिया, और तंत्र के महत्व को गहराई से समझाया गया है। पाठकों को तंत्र के विभिन्न मंत्रों और तांत्रिक प्रक्रियाओं के प्रभावों को समझने में मदद मिलती है।
दूसरा भाग: दूसरे भाग में तंत्रराज तंत्र के जटिल और रहस्यमय पहलुओं को विस्तार से प्रस्तुत किया गया है। इसमें विशेष रूप से तांत्रिक साधनाओं, अनुष्ठानों के विभिन्न स्तरों और तंत्र के गहरे तात्त्विक तत्वों पर ध्यान केंद्रित किया गया है। यह भाग उन लोगों के लिए उपयोगी है जो तंत्र विद्या में गहरी रुचि रखते हैं और इसे अपने जीवन में लागू करना चाहते हैं।
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