सुनदर्कांड हनुमान चालीसा सहित
सुनदर्कांड हिंदू महाकाव्य रामायण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जिसमें हनुमान जी की वीरता, भक्ति और संजीवनी बूटी के माध्यम से रावण की लंका में माता सीता की खोज की कथा का वर्णन है। यह कांड हनुमान जी की महानता और भक्ति को दर्शाता है और उन्हें एक आदर्श भक्त और योद्धा के रूप में प्रस्तुत करता है।
हनुमान चालीसा एक 40 श्लोकों (चालीसा) की काव्य रचना है, जिसे हिन्दू धर्म में अत्यंत पवित्र माना जाता है। इसे भगवान हनुमान जी की आराधना और उनकी कृपा प्राप्ति के लिए गाया जाता है। हनुमान चालीसा के लेखक तुलसीदास जी हैं और यह रचना उनकी काव्य कृति “हनुमान चालीसा” में शामिल है।
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