श्रीमदानुभाष्यम” एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है जो श्री वल्लभाचार्य द्वारा रचित है। यह ग्रंथ वेदान्त दर्शन के महत्वपूर्ण सिद्धांतों को समझने और उनका विवेचन करने के लिए प्रस्तुत है। “भाष्य प्रकाश” नामक टिप्पणी सहित इसे गोस्वामी श्री पुरुषोत्तमजी हरिराज द्वारा व्याख्यात किया गया है।
इस ग्रंथ को दो भागों में विभाजित किया गया है और इसे रत्न गोपाल भट्ट ने संपादित किया है। “श्रीमदानुभाष्यम” में वेदान्त के महत्वपूर्ण सिद्धांतों का विस्तृत विवेचन किया गया है और वल्लभाचार्य द्वारा प्रस्तुत किए गए उनके विचारों को समझाने का प्रयास किया गया है।
“श्रीमदानुभाष्यम” एक महत्वपूर्ण स्रोत है जो वेदान्त के अध्ययन में रुचि रखने वाले लोगों के लिए उपयोगी है। यह ग्रंथ वेदान्त दर्शन के गहराई से समझने और विवेचन करने का मार्ग प्रशस्त करता है, और वल्लभाचार्य द्वारा प्रस्तुत किए गए विचारों का समझाने में मदद करता है।
Reviews
Clear filtersThere are no reviews yet.