पुस्तक का शीर्षक: श्रीतत्त्वचिन्तामणि (दो खंडों का सेट)
लेखक: श्री मधुसूदन प्रसाद शुक्ल
पुस्तक का विवरण:
“श्रीतत्त्वचिन्तामणि” एक महत्वपूर्ण धार्मिक और दार्शनिक ग्रंथ है, जिसे श्री मधुसूदन प्रसाद शुक्ल द्वारा रचित और संपादित किया गया है। यह ग्रंथ दो खंडों में विभाजित है और भारतीय दार्शनिक परंपरा में अद्वैत वेदांत और अन्य शास्त्रों के गहन सिद्धांतों का विस्तृत वर्णन करता है।
इस ग्रंथ में तत्त्वों की विवेचना की गई है, जिनमें जीव, जगत, और ब्रह्म के बीच के संबंधों को गहराई से समझाया गया है। यह पुस्तक उन तत्वों की चर्चा करती है जो संसार की उत्पत्ति, स्थिति, और प्रलय के लिए उत्तरदायी माने जाते हैं। इसमें वेदांत के सिद्धांतों के साथ-साथ अन्य भारतीय दर्शनों का भी समन्वयात्मक विश्लेषण प्रस्तुत किया गया है।
श्री मधुसूदन प्रसाद शुक्ल का लेखन शैली सरल और सुलझी हुई है, जो जटिल दार्शनिक विचारों को भी सहज और सुलभ बनाती है। इस ग्रंथ का अध्ययन उन विद्वानों और छात्रों के लिए अत्यंत उपयोगी है, जो भारतीय दर्शन के गूढ़ तत्त्वों को समझना चाहते हैं।
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