श्रीशक्तिसंगमतंत्र (तारा खंड) आचार्य राधेश्याम चतुर्वेदी द्वारा रचित एक महत्वपूर्ण तांत्रिक ग्रंथ है, जो तंत्र शास्त्र की गूढ़ साधनाओं और सिद्धांतों पर आधारित है। यह ग्रंथ विशेष रूप से देवी तारा की उपासना और साधना पर केंद्रित है, जो दस महाविद्याओं में से एक हैं और तांत्रिक परंपरा में अत्यधिक पूजनीय मानी जाती हैं।
श्रीशक्तिसंगमतंत्र (तारा खंड) में देवी तारा की उपासना, उनके मंत्र, अनुष्ठान, और साधना की विधियों का विस्तृत वर्णन किया गया है। देवी तारा को ज्ञान, मुक्ति, और सुरक्षा की देवी माना जाता है, और उनकी साधना साधकों को गहन आध्यात्मिक अनुभवों और सिद्धियों की प्राप्ति में सहायक होती है। इस ग्रंथ में देवी तारा की पूजा से जुड़ी विभिन्न विधियों, जैसे मंत्रजप, ध्यान, यंत्र, और हवन का विस्तार से उल्लेख किया गया है।
आचार्य राधेश्याम चतुर्वेदी ने इस ग्रंथ में देवी तारा की साधना को सरल और स्पष्ट भाषा में प्रस्तुत किया है, जिससे साधक इसे अपने दैनिक जीवन में आसानी से अपना सकें। इस ग्रंथ में देवी तारा के विभिन्न रूपों, शक्तियों, और उनके ध्यान के तरीकों का विस्तृत विवरण दिया गया है, जो साधकों को उनके आध्यात्मिक मार्ग पर आगे बढ़ने में मदद करता है।
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