श्रीदक्षिणकलिका-सपर्यापद्धति (Sri Dakshin Kalika Sarparyapaddhati) डॉ. रामप्रिया पांडेय द्वारा रचित एक महत्वपूर्ण तांत्रिक ग्रंथ है, जिसमें दक्षिण कलिका देवी की पूजा और उनके प्रति समर्पण की विधियों का विस्तृत वर्णन किया गया है। इस ग्रंथ में विशेष रूप से देवी दक्षिण कलिका की उपासना की विधियों, अनुष्ठानों, और तंत्र के रहस्यों पर प्रकाश डाला गया है।
ग्रंथ के मुख्य विषय:
- दक्षिण कलिका देवी का परिचय:
- इस खंड में दक्षिण कलिका देवी के स्वरूप, उनके महत्व और उनके तांत्रिक संदर्भों का विस्तृत वर्णन है। दक्षिण कलिका देवी को शक्ति और भयंकरता की देवी के रूप में पूजा जाता है, जो तंत्र साधना में विशेष महत्व रखती हैं।
- सपर्या विधि:
- श्रीदक्षिणकलिका-सपर्यापद्धति में देवी की पूजा के लिए आवश्यक ‘सपर्या’ विधि का विवरण है। इसमें पूजा की सामग्री, अनुष्ठानों की प्रक्रिया, और देवी की पूजा के विशेष नियम शामिल हैं। यह विधि देवी की कृपा प्राप्त करने और तांत्रिक साधना में सफलता के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है।
- अनुष्ठान और पूजा की विधियाँ:
- ग्रंथ में देवी की पूजा के दौरान किए जाने वाले अनुष्ठानों और पूजा की विधियों का विस्तार से वर्णन किया गया है। इसमें हवन, अर्चना, और अन्य तांत्रिक क्रियाओं के सही तरीके और नियम शामिल हैं।






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