सिद्धान्तशिरोमणि (Siddhant Shiromani) डॉ. सत्यदेव शर्मा द्वारा लिखा गया एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है जो भारतीय दार्शनिकता के विभिन्न पहलुओं की गहरी और सूक्ष्म विवेचना करता है। इस पुस्तक में डॉ. शर्मा ने दर्शन के विविध सिद्धांतों, उनके मूलभूत तत्त्वों, और उनके ऐतिहासिक संदर्भ को विस्तार से प्रस्तुत किया है।
पुस्तक की विशेषताएँ:
- सिद्धांतों का विश्लेषण: पुस्तक में प्रमुख दार्शनिक सिद्धांतों का गहन विश्लेषण किया गया है। इसमें भारतीय दार्शनिकता के विभिन्न स्कूलों, जैसे वेदांत, सांख्य, योग, और न्याय, के सिद्धांतों पर चर्चा की गई है।
- ऐतिहासिक संदर्भ: डॉ. शर्मा ने भारतीय दार्शनिकता के ऐतिहासिक विकास को समझाने के लिए विभिन्न कालखंडों और महत्वपूर्ण दार्शनिक ग्रंथों का संदर्भ दिया है।
- तुलनात्मक दृष्टिकोण: पुस्तक में विभिन्न दार्शनिक प्रणालियों की तुलना की गई है, जिससे पाठक को उनके बीच के अंतर और समानताएँ स्पष्ट रूप से समझ में आ सकें।






Geeta press![IMG_5350[1]-500x554](https://masterkheladilal.com/wp-content/uploads/2024/08/IMG_53501-500x554-1.jpg)
Reviews
Clear filtersThere are no reviews yet.