श्यामारहस्यतन्त्रम् (Shyamrahasya Tantram) पं. हरिशंकर शास्त्री द्वारा रचित एक महत्वपूर्ण तांत्रिक ग्रंथ है, जिसमें श्याम (काली) देवी की उपासना, तांत्रिक साधना और रहस्यमय सिद्धांतों का विस्तार से वर्णन किया गया है। यह ग्रंथ तंत्र शास्त्र के गूढ़ रहस्यों और काली उपासना के विशेष पहलुओं को उजागर करता है, जिससे साधक गहन तांत्रिक साधना की ओर प्रवृत्त हो सके।
ग्रंथ के मुख्य विषय:
- श्यामा देवी का रहस्य: इस खंड में श्यामा या काली देवी की रहस्यमय शक्तियों, उनके स्वरूप, और उनके तांत्रिक महत्त्व का वर्णन है। श्यामा देवी को तंत्र शास्त्र में महान शक्ति के रूप में माना जाता है, और उनकी उपासना साधक को आंतरिक शक्ति और आत्मिक शुद्धि प्रदान करती है।
- तांत्रिक साधना विधि: श्यामारहस्यतन्त्रम् में काली की तांत्रिक साधना की विस्तृत विधि दी गई है। इसमें साधक के लिए साधना के विभिन्न चरणों, आवश्यक सामग्री, और मंत्रों का वर्णन किया गया है, जिन्हें साधक अपनी साधना के दौरान प्रयोग करता है।
- मंत्र, यंत्र, और तांत्रिक अनुष्ठान: पुस्तक में श्याम (काली) देवी के मंत्रों और यंत्रों का विस्तृत विवरण है। इन मंत्रों और यंत्रों का सही ढंग से प्रयोग साधक को तांत्रिक साधना में सफलता दिलाता है। साथ ही, तांत्रिक अनुष्ठानों के नियम और प्रक्रियाओं का भी वर्णन है।
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