श्रृंगार रस का शास्त्रीय विवेचन (Shringar Ras Ka Shastriya Vivechan) – लेखक: डा. इंद्रपाल सिंह
श्रृंगार रस का शास्त्रीय विवेचन डा. इंद्रपाल सिंह द्वारा रचित एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है, जो भारतीय काव्यशास्त्र के प्रमुख तत्व श्रृंगार रस (प्रेम और सुंदरता का रस) का गहन और विस्तृत विश्लेषण प्रस्तुत करता है। इस पुस्तक में श्रृंगार रस के शास्त्रीय सिद्धांतों, उनके विभिन्न पहलुओं, और साहित्यिक महत्व पर विशेष ध्यान दिया गया है।
इस ग्रंथ में श्रृंगार रस के विभिन्न स्वरूपों, जैसे कि रति, प्रेम, सौंदर्य, और उनके काव्यात्मक प्रयोगों का विश्लेषण किया गया है। डा. इंद्रपाल सिंह ने प्राचीन काव्यशास्त्रिक ग्रंथों और साहित्यिक परंपराओं से उद्धरण देते हुए श्रृंगार रस की विविधता और उसकी प्रभावशीलता को स्पष्ट किया है।
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