श्रीमद्भगवद्गीता पर रामानुज भाश्य एक महत्वपूर्ण और प्रसिद्ध व्याख्या है जिसे श्रीरामानुजाचार्य ने लिखा। यह भाश्य भगवद गीता के श्लोकों की गहरी और व्यापक व्याख्या प्रस्तुत करता है और वेदान्त के विषिष्टाद्वैत सिद्धांत को आधार बनाता है।
रामानुज भाश्य का विवरण:
- उद्देश्य: श्रीरामानुजाचार्य का उद्देश्य भगवद गीता के श्लोकों की विशद और सुसंगत व्याख्या प्रदान करना था। यह भाश्य गीता के श्लोकों में छिपे तात्त्विक संदेश को स्पष्ट करता है और श्रीरामानुजाचार्य के विषिष्टाद्वैत (विशिष्ट अद्वैत) सिद्धांत को प्रस्तुत करता है।
- विशिष्टाद्वैत सिद्धांत: रामानुज भाश्य विषिष्टाद्वैत (विशिष्ट अद्वैत) के सिद्धांत को स्पष्ट करता है, जिसमें कहा गया है कि ब्रह्मा और जीव अलग-अलग हैं लेकिन उनके बीच एक विशिष्ट संबंध है। भगवान श्रीकृष्ण को सर्वोच्च सत्ता माना गया है, और सभी जीव और पदार्थ उस सत्ता के विशिष्ट भाग हैं।
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