“श्रीमद्भगवद्गीता” 700 श्लोकों का एक संवादात्मक ग्रंथ है जिसमें भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को धर्म, कर्म, और योग के विभिन्न पहलुओं पर उपदेश दिया। यह ग्रंथ गहन दार्शनिक, आध्यात्मिक और नैतिक शिक्षाओं का संग्रह है और यह हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण ग्रंथों में शामिल है।
विशेषताएँ:
- संवादात्मक स्वरूप: गीता भगवान श्री कृष्ण और अर्जुन के बीच एक संवाद के रूप में है, जिसमें कृष्ण अर्जुन को जीवन के उद्देश्यों, कर्म, और धर्म के महत्व को समझाते हैं।
- अध्याय: गीता 18 अध्यायों में विभाजित है, प्रत्येक अध्याय एक विशेष विषय पर केंद्रित है, जैसे कर्मयोग, भक्तियोग, ज्ञानयोग, आदि।
- धार्मिक और दार्शनिक शिक्षाएँ: गीता में जीवन के मूलभूत सवालों के उत्तर और आदर्श जीवन जीने के तरीके पर विचार किया गया है।






Geeta press
Reviews
Clear filtersThere are no reviews yet.