श्रीनेत्रतन्त्रम्
लेखक: राधेश्याम चतुर्वेदी
श्रीनेत्रतन्त्रम् तंत्र शास्त्र के महत्वपूर्ण ग्रंथों में से एक है, जो विशेष रूप से शिव उपासना और तांत्रिक साधना के गूढ़ रहस्यों पर केंद्रित है। राधेश्याम चतुर्वेदी द्वारा रचित इस पुस्तक में शिव तंत्र के विभिन्न पहलुओं, साधना विधियों, और देवी-देवताओं के गूढ़ स्वरूपों का विस्तृत वर्णन किया गया है।
मुख्य विशेषताएँ:
- शिवतंत्र की महत्ता: इस ग्रंथ में शिवतंत्र की महत्ता और उसके तात्त्विक पहलुओं का वर्णन किया गया है। इसमें शिव की विभिन्न रूपों में आराधना और उनके शक्तिपुंज के माध्यम से साधना की विधियाँ दी गई हैं।
- नेत्रतंत्र की साधना: पुस्तक का एक महत्वपूर्ण हिस्सा नेत्रतंत्र की साधना को समर्पित है। इसमें “नेत्र” शब्द का गूढ़ अर्थ और उसकी तांत्रिक साधना में भूमिका को विस्तार से समझाया गया है। इस साधना के माध्यम से साधक अपनी आंतरिक दृष्टि को जाग्रत करने और दिव्य ज्ञान की प्राप्ति करने में सक्षम हो सकते हैं।
- मंत्र और अनुष्ठान: श्रीनेत्रतन्त्रम् में शिव और देवी के विभिन्न मंत्रों का संकलन किया गया है, जो साधक को साधना के दौरान शक्ति और सिद्धि प्रदान करते हैं। इसके अलावा, विभिन्न तांत्रिक अनुष्ठानों की भी विस्तृत जानकारी दी गई है, जो साधक को साधना के समय पालन करने की आवश्यकता होती है।
Reviews
Clear filtersThere are no reviews yet.