शतदुषणी (Set of 4 Vols.) शिवप्रसाद द्विवेदी द्वारा रचित एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है, जो भारतीय धार्मिक, तांत्रिक, और साहित्यिक परंपराओं पर आधारित है। यह पुस्तक एक विस्तृत संग्रह है जो चार भागों में विभाजित है और विभिन्न विषयों पर गहन अध्ययन प्रस्तुत करती है।
शतदुषणी में भारतीय तंत्रशास्त्र, उपनिषद, और पुराणों के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला गया है। यह ग्रंथ विशेष रूप से तंत्र और धार्मिक साहित्य के गूढ़ रहस्यों को समझने और उनकी विभिन्न विधियों को जानने के लिए महत्वपूर्ण है।
पुस्तक में तंत्र, मंत्र, यंत्र, और साधना के विभिन्न विषयों पर विस्तृत जानकारी दी गई है। इसमें विभिन्न तांत्रिक अनुष्ठानों, पूजा विधियों, और मंत्रों का विस्तृत वर्णन किया गया है, जिससे साधकों और शोधकर्ताओं को तंत्रशास्त्र की गहराई को समझने में सहायता मिलती है।
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