शक्तिसूत्र स्वामी सत्यानंद सरस्वती जी द्वारा रचित एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है, जो शक्ति और तंत्रशास्त्र के गूढ़ सिद्धांतों और साधनाओं पर आधारित है। यह पुस्तक विशेष रूप से शक्ति की उपासना, उसकी साधना, और उससे संबंधित तांत्रिक अनुष्ठानों का विश्लेषण करती है।
इस ग्रंथ में शक्ति की अवधारणा, उसकी महिमा, और उसके विभिन्न रूपों का विस्तार से वर्णन किया गया है। स्वामी सत्यानंद सरस्वती जी ने शक्तिसूत्र के माध्यम से शक्ति साधना के विभिन्न पहलुओं, जैसे मंत्र, यंत्र, और तांत्रिक अनुष्ठानों को साधकों के लिए सरल और सुलभ भाषा में प्रस्तुत किया है।
शक्तिसूत्र में शक्ति के विभिन्न स्वरूपों जैसे महाकाली, महालक्ष्मी, महा सरस्वती आदि की साधना और उनके द्वारा प्राप्त होने वाली सिद्धियों का भी उल्लेख है। इसके अलावा, पुस्तक में तंत्र और योग के संयुक्त साधना पद्धति का भी विशद वर्णन किया गया है, जिससे साधक आत्मिक उन्नति प्राप्त कर सके।
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