षडाम्नायतंत्रम् डॉ. रुपेश कुमार चौहान द्वारा रचित एक महत्वपूर्ण तांत्रिक ग्रंथ है, जो तंत्रशास्त्र के छह प्रमुख मार्गों (षडाम्नाय) पर केंद्रित है। यह पुस्तक तंत्रशास्त्र के गूढ़ सिद्धांतों, साधनाओं, और अनुष्ठानों का विस्तृत विवरण प्रस्तुत करती है।
इस ग्रंथ में षडाम्नाय के अंतर्गत आने वाले छह मार्गों—पूर्वाम्नाय, दक्षिणाम्नाय, पश्चिमाम्नाय, उत्तराम्नाय, ऊर्ध्वाम्नाय, और अर्धनारीश्वराम्नाय—की विशेषताओं, उनके सिद्धांतों, और उनके अनुष्ठानों का विस्तार से वर्णन किया गया है। प्रत्येक अम्नाय के महत्व, उनके दैवीय रूपों, और उनके तांत्रिक अनुष्ठानों के प्रभावों को पुस्तक में समझाया गया है।
षडाम्नायतंत्रम् में तांत्रिक साधनाओं, मंत्रों, और यंत्रों का भी विश्लेषण किया गया है। इसमें साधकों के लिए विभिन्न तांत्रिक साधनाओं के मार्गदर्शन, अनुष्ठानों की विधि, और उनसे प्राप्त होने वाले फलों का विस्तृत वर्णन है।






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