सर्वोल्लासतन्त्रम् (सर्वोल्लास तन्त्रम्) एस. एन. खंडेलवाल द्वारा रचित एक महत्वपूर्ण तांत्रिक ग्रंथ है, जो तंत्रशास्त्र की गूढ़ और रहस्यमयी परंपराओं पर केंद्रित है। इस पुस्तक में तंत्र से संबंधित विभिन्न सिद्धांतों, अनुष्ठानों, और साधना विधियों का विस्तार से वर्णन किया गया है।
ग्रंथ में तंत्र के विभिन्न आयामों, जैसे मंत्र, यंत्र, तांत्रिक पूजन विधियों, और साधकों के लिए आवश्यक योग साधनाओं का उल्लेख किया गया है। इसमें तंत्रशास्त्र के प्राचीन और आधुनिक संदर्भों का समावेश किया गया है, जिससे यह ग्रंथ न केवल परंपरागत तांत्रिक साधकों बल्कि नए शोधकर्ताओं और अध्येताओं के लिए भी उपयोगी बनता है।
सर्वोल्लासतन्त्रम् में तांत्रिक साधनाओं के विभिन्न चरणों और उनके प्रभावों का विस्तृत विश्लेषण प्रस्तुत किया गया है। इसमें विभिन्न देवी-देवताओं के पूजन और सिद्धियों को प्राप्त करने के लिए आवश्यक अनुष्ठानों का भी विवरण दिया गया है।
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